बिहार में चुनाव प्रचार चल रहा है

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महागठबंधन के स्टार कैंपेनर
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बिहार में चुनाव के दौरान महागठबंधन के स्टार कैंपेनर तेजस्वी यादव महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह हर दिन तीन से चार मीटिंग कर रहे हैं और इसमें बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा, वे जॉइंट रैली और अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।



मुख्य मुद्दा: बेरोजगारी

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बेरोजगारी बिहार का सबसे बड़ा मुद्दा है और इस पर आम चुनाव प्रचार केंद्रित हो रहा है। महागठबंधन के नेताओं ने वादा किया है कि जब वे सत्ता में आएंगे, तो वे एक करोड़ लोगों को नौकरी देंगे। यह उनका महत्वपूर्ण क़सम है।

### महंगाई और गरीबी

महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि इस बार महंगाई, गरीबी और स्थानीय मुद्दों का बड़ा प्रभाव होगा। भाजपा ने यहां के प्रत्येक उम्मीदवार को बार-बार चुनाव कराया है, इसलिए लोग परेशान हैं।

### लोकल मुद्दों का महत्व

बिहार में लोकल मुद्दों का महत्व बहुत ज्यादा है। गांवों की समस्याओं को हल करने से देश का विकास हो सकता है। लोकतंत्र की आत्मा गांवों में ही होती है और रीजनल पार्टी हमेशा इसे ध्यान में रखती है।

### गठबंधन में रिप्रेजेंटेशन

गठबंधन में सभी कम्युनिटी को समाहित करने की कोशिश की जाती है, लेकिन इसमें थोड़ी सीटें देनी होती हैं अपने घटक दलों को। हालांकि, इस बार भी नई सामाजिक समुदायों को मौका मिला है। इसके अलावा, फॉरवर्ड कम्युनिटी को अधिक रिप्रेजेंटेशन मिली है।

महागठबंधन के साथ जेडीयू का भविष्य
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नीतीश कुमार के जाने के बाद जेडीयू का भविष्य अप्रत्याशित हो गया है। गठबंधन में समग्र वितरण करना मुश्किल हो सकता है और इसके कारण उनकी क्रेडिबिलिटी में गिरावट हुई है। भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल की ताकत बढ़ी है और इसका असर आने वाले चुनाव पर पड़ेगा।

महागठबंधन के सूची में अंतर
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महागठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों की सूची में काफी अंतर है। कुछ उम्मीदवार अधिकतर चुनावों में प्रतियोगिता में रहे हैं और बीजेपी ने उन्हें फिर से चुनावित किया है। इसके अलावा, फॉरवर्ड कम्युनिटी को ज्यादा प्रतिनिधि मिली है।

मोदी की गारंटी और महागठबंधन का मेनिफेस्टो
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महागठबंधन का मेनिफेस्टो एक करोड़ की नौकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी की बात करता है। वहां उम्मीदवारों की स्कीमें हैं और यह भी कहा गया है कि कुछ करेंगे और जो है नहीं करेंगे। महागठबंधन के नेताओं का दावा है कि उन्होंने 17 महीने में काफी काम किया है।

बहुजनों को प्रतिनिधित्व
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महागठबंधन का उद्देश्य है कि वह सभी समुदायों को समाहित करे। इसलिए, वे फॉरवर्ड, अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति को रिप्रेजेंट करने का प्रयास कर रहे हैं।

गठबंधन और रिवाज़
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गठबंधन में कई राजनीतिक रिवाज़ को ध्यान में रखना होता है। वे अपने उम्मीदवारों को खुश रखने की कोशिश करते हैं और इसके कारण गठबंधन में थोड़ी मुश्किलें होती हैं।

भगवान राम और गठबंधन के मुद्दे
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राम मंदिर का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन यह मुद्दा चुनाव में उतना भारी नहीं पड़ा। लोगों को सरकार से बेरोजगारी, गरीबी और विकास के मुद्दे पर वोट करना चाहिए।

इस चुनाव में बिहार की राजनीति पर बहुत असर पड़ेगा। महागठबंधन की सरकार बनने पर एक करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी, गठबंधन ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया है।


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